बहाना देश की सुरक्षा का और काम धमकाने का?
देश की सुरक्षा के नाम पर निजी मोबाइल कम्पनियां अब आम जनता को भी परेशान करने लगी हैं। पहले सेवादोष, अनचाहे प्लान देना और अब दस्तावेज जमा कराने का दबाव। जबकि किसी भी सरकारी विभाग ने पुराने उपभोक्ताओं के पहचान दस्तावेज पुन: जमा कराने के आदेश नहीं दिये गये हैं। हां, यह जरूर कम्पनियों को निर्देश हैं कि समय-समय पर उपभोक्ता के पतों का सत्यापन करें। यह सत्यापन कम्पनी के आदमी अथवा एजेंट के माध्यम से किया जाना है। इन निजी मोबाइल कम्पनियों ने स्वंय के स्तर पर जांच करने के बजाये पुनाने उपभोक्ताओं से उनके पहचान सम्बन्धि दस्तावेज अपने कस्टमर केयर पर जमा कराने के निर्देश दिये हैं और दस्तावेज जमा नहीं कराने पर कनेक्शन को वनवे कर दिये हैं। टीआरआई और सरकारी विभागों यह साफ पता है कि मोबाइल कम्पनियां यह मोबाइल उपभोक्ताओं को विभिन्न माध्यम से धमका रही है। फिर भी इन पर जुर्माना लगाने के बाजाये यह विभाग और टीआरआई तमाशा देख रहे हैं। हाल ही में जारी समाचार पत्रों के विज्ञापनों को गोर से देखा पढ़ा जाये तो स्पष्ट हो जायेगा कि यह निजी मोबाइल कम्पनियां केवल खानापुर्ति ही कर रहीं हैं। जबकि सरकारी मोबाइल कम्पनियों ने अपने उपभोक्ताओं के कनेक्शन लेते समय दिये गये दस्तावेजों के आधार पर ही उपभोक्ताओं की पहचान की जांच की है और कर रहीं है। ऐसे में बार-बार दस्तावेज मांगना और उनकी जांच नहीं करना कितना कानूनी है और कितना गैर कानूनी इस बात पर ना तो सरकारी विभागों का ध्यान है और ना ही टीआरआई का जो इन मामलों को ही देखते हैं। आम मोबाइल धारकों को अब लगने लगा है कि यह सब विभाग दिखावे के लिये ही बनाये गये हैं या निजी कम्पनियों को नियम कानून तोडने में मदद पहुंचाने के लिये हैं। आम अवाम को तो इन से कोई फायदा नहीं पहुंचा है। तीन-तीन बार दस्तावेज लेने के बाद भी यह निजी मोबाइल कम्पनियों पुन: पहचान सम्बन्ध दस्तावेज मांग रहीं है। इनका दस्तावेज मांगने का तरीका भी विशेष है। जैसे एयरटेल का तरीका है कि आपके दस्तावेज वैध नहीं पाये गये हैं। अब कम्पनी के पुछा जाये कि अवैध कैसे हुये? कब जांच की गई? किसने जांच की? अगर वैध दस्तावेज नहीं पाये गये तो क्या कार्यवाही की गई? इनका जवाब देने के बजाये कम्पनी अपने उपभोक्ताओं पर पुन: दस्तावेज जमा कराने का दबाव बना रही है। नहीं जमा कराने वाले उपभोक्ता का फोन बंद किया जा रहा है। बहाना देश की सुरक्षा का और काम धमकाने का?